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Monday, 7 December 2020

मुझे जाना है घर शाम से पहले पहले- Faraz Ahmad Shayari Hindi


Faraz Ahmed shayari Hindi


 साकिया एक नजर जाम से पहले पहले

मुझे जाना है घर शाम से पहले पहले


                     साकिया एक नजर जाम से पहले पहले

                       मुझे जाना है घर शाम से पहले पहले


खुश हुआ ऐ दिल की मोहब्बत तो निभा दी तूने

लोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले पहले


                       अब तेरे जिक्र से हम बात बदल देते हैं

                    कितने रहबत थे तेरे नाम से पहले पहले


सामने उम्र पड़ी है सब ए तन्हाई के

वह मुझे छोड़ गया शाम से पहले पहले

      

  कितना अच्छा था कि हम भी जिया करते फराज

गैर मारूफ (अच्छी तरह से जानना)से अंजाम से पहले पहले


मारूफ- अच्छी तरह से जानना)

सब ए तन्हाई - बिल्कुल अकेलापन

रहबत- स्वागत करने वाले


Ahmed Faraz


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